पेट्रोलियम त्वचा की शिकायतों के लिए उपयोगी होम्योपैथिक दवाओं में से एक है
लक्षणों में समानता के आधार पर होम्योपैथिक दवा देनी चाहिए।
पेट्रोलियम के त्वचा संबंधी लक्षण इस प्रकार हैं:-
- त्वचा गंदी, मोटी और खुरदरी।
- सर्दी के मौसम में त्वचा संबंधी शिकायतें और बढ़ जाती हैं।
- रात में खुजली और त्वचा पर जलन बढ़ जाती हैं।
फटी त्वचा:-
- त्वचा रूखी, खुरदरी और आसानी से फटने वाली होती है।
त्वचा की दरारें :-
- हाथों और पैरों की त्वचा पर दरारें पड़ जाती हैं, जिससे आसानी से खून निकल आता है।
क्रस्टा लैक्टे :-
- त्वचा पर हरे रंग की पपड़ी बन जाती है।
- जिसमें जलन और खुजली होती है।
- यह दवाई क्रस्टा लैक्टे के लिए अच्छा उपाय है।
सोरायसिस अथवा चर्म रोग :-
- त्वचा गंदी, सख्त और खुरदरी हो जाती हैं।
- त्वचा पर सूखी दरारें पड़ जाती हैं।
- हाथों और पैरों पर छालों के साथ सोरायसिस होता है, जिसमे आसानी से खून बह जाता है।
- त्वचा मोटी हो जाती है और पपड़ी बन जाती है।
एक्जिमा:-
- त्वचा लाल हो जाती है।
- तव्चा में सूखापन आना।
- उंगलियों की युक्तियाँ खुरदरी और फटी हुई हो जाती हैं।
- मजदूरों, बढ़ई और पेट्रोलियम रसायनों के साथ काम करने वालों में हाथों की सूखी एक्जिमा के लिए पेट्रोलियम अच्छी दवाई है।
खुजली:-
- सभी फोड़े-फुंसियों में बड़ी तीव्रता के साथ खुजली होना।
- रोगी की त्वचा खुजलाती है और तव्चा का भाग कच्चा और मोटा हो जाता है।
- मरीज त्वचा को तब तक खरोंचता है जब तक कि उसमें से खून न निकल जाए।
- सर्दी में खुजली बढ़ जाती है और गर्मी में आराम मिलता है।
दाद:-
- जननांग अंगों के हरपीज जो जांघों तक फैले हुए हैं।
- त्वचा से दुर्गंध आना।
अन्य लक्षण :-
- कार में सवारी करते समय मतली।
- चिलब्लैन्स में बहुत अधिक खुजली होना।
- त्वचा संबंधी किसी भी शिकायत को दबाने से दस्त हो जाते हैं।
- केवल दिन में दस्त और रात के समय खांसी।
इस प्रकार पेट्रोलियम होम्योपैथिक दवाई तव्चा के रोगों में बेहतर उपयोगी है।
For consultation
Simran Homoeopathic Clinic, Ludhiana
Dr. Simran Bhardwaj.
B.H.M.S (PB).
Email- sbhrd11@gmail.com
amazing
ReplyDeleteGood
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